Tuesday, January 4, 2011

जियो जिन्दगी

जियो जिन्दगी
हर पल हल छण
बिता है और बीतेगा

अगर रहे हो हार
तो करो पलटवार
मर मानो या ना मानो
पलटवार जाएगी बेकार
क्योकि सहनी पड़ती है सबको
जिन्दगी की मार
मानो इसे जंग
चाहे रिश्ते हो या न हो संग
करो बुलंद
अपने तमाशे अपने मृदंग
भूल के अतीत भूल के अंत
क्योकि ...
अंत का गवाह अतीत है
और उस अंत में हर शहीद की जीत है

सो जियो जिन्दगी
हर पल हर छ्ण
बिता है और बीतेगा

अगर टूट रही है आस
उठ रहा विश्वास
बेचैन हो रहा मन
बुझाने वर्षो की प्यास
तो घुमा लो एक नजर
अपने आस -पास
मिल जायेगा तुम्हे कोई
बैठा उदास
लिए सदियों की प्यास
जिसकी नहीं टूटी है आस
न उठा है विश्वास

सो जियो जिन्दगी
हर पल हर छ्ण
बिता है और बीतेगा

©Aditya Kumar

1 comment:

  1. Nice reading...
    Thanks for sharing.
    Keep up the good work!

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