जियो जिन्दगी
हर पल हल छण
बिता है और बीतेगा
अगर रहे हो हार
तो करो पलटवार
मर मानो या ना मानो
पलटवार जाएगी बेकार
क्योकि सहनी पड़ती है सबको
जिन्दगी की मार
मानो इसे जंग
चाहे रिश्ते हो या न हो संग
करो बुलंद
अपने तमाशे अपने मृदंग
भूल के अतीत भूल के अंत
क्योकि ...
अंत का गवाह अतीत है
और उस अंत में हर शहीद की जीत है
सो जियो जिन्दगी
हर पल हर छ्ण
बिता है और बीतेगा
अगर टूट रही है आस
उठ रहा विश्वास
बेचैन हो रहा मन
बुझाने वर्षो की प्यास
तो घुमा लो एक नजर
अपने आस -पास
मिल जायेगा तुम्हे कोई
बैठा उदास
लिए सदियों की प्यास
जिसकी नहीं टूटी है आस
न उठा है विश्वास
सो जियो जिन्दगी
हर पल हर छ्ण
बिता है और बीतेगा
©Aditya Kumar
Nice reading...
ReplyDeleteThanks for sharing.
Keep up the good work!